अब इस नाम से जाना जाएगा फेसबुक, जानिए कितना बदल जाएगा आपका सोशल अकाउंट फेसबुक ?
नई दिल्ली,
कुछ दिन पहले कहा जा रहा था कि फेसबुक का नाम बदलने वाला है. जिसका एलान सालाना कॉन्फ्रेस में हो सकता है लेकिन ऐसा हुआ नहीं. और नाम बदलने की बात भी खारिज कर दी गई. लेकिन अब 9 बाद फेसबुक ने नाम बदलने का एलान किया और बताया गया कि फेसबुक अब ‘मेटा’ के नाम से जाना जाएगा..
अब यहां आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का नाम बदलने के बाद हमारे सोशल इकाउंट में कोई फर्क पड़ेगा. और क्या होगा हमारे वॉट्सएप और इंस्टाग्राम का ? क्या मेटा के आने के बाद हमें दूसरा कोई अकाउंट बनाने की जरूरत पड़ेगी क्या ? तो आपको इन सभी सवालों के जवाब यहां मिल जाएंगे. चलिए जानते है.
पहला सवाल – नए नाम से आपके लिए क्या बदलेगा ?
जवाब- जी नहीं आपके लिए कुछ नहीं बदलेगा. बस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का नाम बदला गया है. बस… और कुछ नहीं . मेटावर्स नाम होने से आपके फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम अकाउंट पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. आप अपने पहले वाले आईडी और पासवर्ड का ही प्रयोग कर सकेंगे. और जैसे पहले इस्तेमाल करते थे वैसे ही इस्तेमाल कर सकेंगे. बस अगर होगा तो बस इतना कि आने वाले दिनों में ये तीनों सोशल अकाउंट को मेटा में एक साथ मर्ज कर दिया जाएगा यानि की तीनों को एक दूसरे से जोड़ दिया जाएगा. जिससे आप सिंगल लॉगइन पर यूजर सभी ऐप को इस्तेमाल कर पाएगा
दूसरा सवाल – कंपनी के लिए क्या बदलेगा?
जवाब- इससे कंपनी को फायदा ये होगा कि जो यूजर इनमें से किसी ऐप को कई दिन तक ओपन नहीं करते वो भी हमेशा ओपन रहेगा.
तीसरा सवाल- आखिर नाम बदलने की जरूरत ही क्यों पड़ी ?
जवाब – फेसबुक एक ऐसी कंपनी है जो वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम समेत कई कंपनियों की पेरेंट कंपनी है. इस कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग है. जो चाहते हैं कि अपनी सभी कंपनियों को एक साथ जोड़ दें यानि तीनों कंपनियों को एक कर दें. जिसके लिए कंपनी ने एक प्लेटफॉर्म मेटावर्स तैयार किया गया है. मेटावर्स अब 93 कंपनियों की पेरेंट कंपनी बन गई है.
चौथा सवाल- मेटावर्स क्या है और इस नाम को क्यों चुना गया है ?
जवाब – मेटावर्स शायद आपने पहली बार सुना हो लेकिन ये अचानक नहीं आया बल्कि नाम काफी पुराना है. मेटावर्स का मतलब एक ऐसी दुनिया से है जहां लोग डिजिटल दुनिया यानि वर्चुअल दुनिया में एक साथ कनेक्ट होते है. और वो सब कर पाते है जो वो रियल दुनिया में करना चाहते हैं. जैसे की गेम में हमें लगता है कि हम ये सब उसी जगह मौजूद होकर कर रहे हैं. मेटावर्स में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल होता है. अगर आान शब्दों में कहें तो मेटावर्स वो दुनिया है जहां हम ना होते हुए भी वहां होने का अनुभव पा सकते हैं. हालांकि मेटावर्स के पूरा होने में अभी लंबा वक्त लग सकता है.