सांसद अतुल राय रेप कांड: SC गेट के सामने आग लगाने वाली रेप पीड़िता ने तोड़ा दम, 3 दिन पहले साथी की भी हो गई थी मौत
नमन सत्य न्यूज ब्यूरो
अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं और न्याय की उम्मीद करते हैं तो मत करिए क्योंकि ये बात उत्तर प्रदेश की एक रेप पीड़िता ने कहकर दम तोड़ दिया। दरअसल 16 अगस्त 2021 को उत्तर प्रदेश की रेप पीड़िता और उसके साथी ने सुप्रीम कोर्ट के गेट नंबर डी के सामने सोशल मीडिया पर लाइव करने के बाद खुद को आत्मदाह कर लिया था। उस दौरान रेप पीड़िता ने ना सिर्फ यूपी के नेताओं पर सवाल खड़े किए थे बल्कि पुलिस प्रशासन और कोर्ट पर भी कई गंभीर आरोप लगाए थे। पीड़िता ने कहा था कि उसको न्याय नहीं मिल रहा है। जिसके चलते वो हिम्मत हार चुकी है इसलिए वो और उसका साथी आत्मदाह कर रही हैं। जिसके बाद दोनों ने आत्मदाह कर लिया था। हालांकि उसके बाद दोनों को उपचार के लिए दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि 21 अगस्त को रेप पीड़िता के साथी सत्यप्रकाश ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया और उसके 3 दिन बाद यानी 24 अगस्त को रेप पीड़िता ने भी उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
क्या था पूरा मामला समझिए
1 मई 2019 को उत्तर प्रदेश की एक बेटी ने लंका थाने में बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद से सांसद अतुल राय फरार चल रहे थे। हालांकि 22 जून 2019 को सांसद अतुल राय ने वाराणसी की अदालत में खुद को सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। उसी दरमियान 2 दिसंबर साल 2020 को पीड़िता के साथी सत्यम प्रकाश ने जान से मारने की धमकी मिलने की शिकायत लंका थाने में दर्ज कराई थी। इन सबके बीच 2 अगस्त 2021 को पीड़िता और उसके साथी के खिलाफ कोट नहीं गैर जमानती वारंट जारी किया था। जिसके चलते 16 अगस्त 2021 को पीड़िता और उसके साथी ने सोशल मीडिया पर लाइव करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के गेट नंबर डी पर आत्मदाह कर लिया था। जहां आनन-फानन में इन दोनों को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि उपचार के दौरान 21 अगस्त को मामले में गवाह सत्यम प्रकाश ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था और उसके बाद 24 अगस्त को पीड़िता ने भी उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया।
पीड़िता ने पुलिस, कोर्ट और नेताओं पर खड़े किए थे सवाल
सोशल मीडिया लाइफ के दौरान पीड़िता ने कहा था कि सांसद अतुल राय के दबाव में वाराणसी के उस वक्त के एसएसपी रहे अमित पाठक ने पीड़िता की सुनवाई नहीं की थी। इसके अलावा पीड़िता ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर पर भी आरोप लगाए थे। पीड़िता ने कहा था कि सांसद के दबाव में कोर्ट के कई जज काम कर रहे हैं। इसलिए उसे न्याय मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही। फिलहाल बिटिया अब जिंदा नहीं है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बनाई कमेटी
बिटिया के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य गेट पर आत्मदाह प्रकरण सामने आने के बाद यूपी सरकार एक्शन में नजर आई। जिसके चलते तत्काल योगी सरकार ने गाजियाबाद के एसएसपी अमित पाठक को मामले से संबंधित होता देख उनका ट्रांसफर डीजीपी मुख्यालय कर दिया। इसके साथ ही यूपी सरकार ने मामले की जांच 2 सदस्यों के हाथ में सौंपी है। जिसमें आरके विश्वकर्मा और नीरा रावत शामिल हैं। फिलहाल इस मामले में अब सभी अधिकारियों से पूछताछ होगी और उसके बाद जांच की रिपोर्ट यूपी शासन को भेजी जाएगी।