July 8, 2024

टोक्यो ओलंपिक 2020: भारतीय पुरुष हॉकी टीम की जीत पर बोले 1980 के गोल्ड मेडलिस्ट विजेता

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नेशनल डेस्क

गुरुवार को टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर ना सिर्फ ब्रॉज मेडल अपने नाम किया बल्कि इस जीत के साथ ही भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया। मैच के शुरुआती दौर में ऐसा लग रहा था कि मानो भारतीय पुरुष हॉकी टीम के हाथ से यह मैच निकल जायेगा, क्योंकि मैच के पहले क्वार्टर फाइनल में जर्मनी ने भारत पर 1-0 से बढ़त बना रखी थी। उसके बाद मैच के दूसरे क्वार्टर में भी जर्मनी ने भारत पर 3-1 से बढ़त बनाए रखी, हालांकि मैच के तीसरे क्वार्टर में भारत और जर्मनी का आंकड़ा बराबर हो गया था। दोनों का स्कोर और 3-3 हो चुका था। इसके बाद चौथे क्वार्टर में भारत ने जर्मनी पर 5-4 से जीत हासिल कर ली और इस जीत के साथ ही इतिहास रच दिया।

1980 के हॉकी विजेता बोले “चक दे इंडिया”

65 साल के जफर इकबाल कहते हैं कि 50 साल बाद हॉकी टीम ने वो कर दिखाया जिसका मुझे 1980 के बाद से इंतजार था। मैं इस पर को काफी लंबे समय से याद कर रहा था। मुझे लगता था कि मेरे जिंदा रहते मैं कभी 1980 वाले पलों को नही देख सकूंगा। लेकिन इन लड़को ने तो कमाल कर दिया। मुझे उम्मीद है कि हम इस बार गोल्ड जरूर जीतेंगे। चक दे इंडिया।

1980 में गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे एम एम सोमया ने बताया कि उन्होने हॉकी में गोल्ड जीतने के बाद उन्होनें उस पल को हरोज महसूस किया है। लेकिन अफसोस हम दोबारा कभी गोल्ड हासिल नही कर सकें। ऐसे में एक बार फिर से हॉकी से आस जगी है। उम्मीद है हम गोल्ड हासिल करेंगे औऱ अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ेगे।

61 साल के राजेंद्र सिंह इंडिया हॉकी टीम के कोच भी रह चुके हैं। टोक्यों ओलिंपिक में भारतीय हॉकी खिलाड़ियो का मैच और  जीत देखकर उन्होनें सिर्फ इतना ही कहा कि हम होंगे कामयाब, और अब वो दिन लौट आया है जब भारत हॉकी में अपना फिर से परचम लहराएगें।

1980 गोल्ड विजेता टीम का हिस्सा रहे 61 साल के गुरमेल सिंह कहते हैं कि 1980 की जीत के बाद मैंने ओलिंपिक खेलना बंद कर दिया था। इसके बाद से मैं हर ओलिंपिक में यही उम्मीद करता था कि शायद इस ओलिंपिक में 1980 वाला लाम्हा देखने को मिलेगा, लेकिन अफसोस आज तक मुझे वो लम्हा देखने को नही मिला था।

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