October 6, 2024

टोक्यो ओलंपिक: हॉकी इज बैक, सेमीफाइनल में भारत ने जर्मनी को 5-4 से हराया

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नेशनल डेस्क

देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी लगभग 50 साल बाद एक बार फिर परचम लहराने को तैयार है। 50 साल बाद भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जर्मनी को हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्का कर ली है। गुरुवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से मात देते हुए अपना ब्रॉन्ज मेडल पक्का कर लिया है। ऐसे में अब एक बार फिर लग रहा है कि देश में क्रिकेट से ज्यादा हॉकी एकमात्र ऐसा खेल होगा जो हर युवा खेलना पसंद करेगा।

1980 के बाद लुप्त हुई हॉकी

भारतीय पुरुष हॉकी टीम को लगभग 50 साल पहले ओलंपिक में गोल्ड हासिल हुआ था। उस दौरान देश में हॉकी का खेल जोरों पर हुआ करता था। हरेक युवा हॉकी खेलना पसंद करता था। हालांकि धीरे-धीरे समय बीतता गया और ऐसे में देश की राष्ट्रीय खेल हॉकी 1980 के बाद विलुप्त होती गई। इस दौरान देश में क्रिकेट ने जोर पकड़ा और तब से देश का युवा क्रिकेट खेलना बेहद पसंद करता है। यहां तक की देश की 70 फीसद आबादी को यह भी नहीं पता कि हमारे देश का राष्ट्रीय खेल कौन सा है। ऐसे में अब एक बार फिर हॉकी ने देश में वापसी की है और अब लगता है कि यही से हॉकी का पुनः जन्म होगा। आपको बता दें साल 1980 में वासुदेव भास्करन की कप्तानी में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में गोल्ड हासिल किया था और उसके बाद आज तक भारत में हॉकी गोल्ड के लिए सूखा पड़ा हुआ है। हालांकि एक बार फिर लोगों की उम्मीद जगी है। लोगों को लगता है कि देश में हॉकी एक बार फिर से वापसी करेगी।

हॉकी में भारत ने जर्मनी को पछाड़ा

भारत और जर्मनी के बीच हॉकी मैच शुरू होते ही पहले क्वार्टर में जर्मनी ने भारत पर दबाव बनाए रखा। उस दौरान जर्मनी ने मैच के शुरुआती पहले मिनट में ही शानदार गोल कर दिया और भारत पर अपनी 1-0 से बढ़त बना ली। इस दौरान जर्मनी को एक पेनल्टी कॉर्नर भी मिला हालांकि भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने जर्मनी के दो शानदार अटैक को नाकामयाब कर दिया। जिसके बाद पहले क्वार्टर में जर्मनी ने भारत से 1-0 पर बढ़त बनाए रखी और उसके बाद दूसरे क्वार्टर का मैच शुरू हुआ। उस दौरान बेहद ही रोमांचक खेल देखने को मिला। हर किसी के सांसे अटक चुकी थी क्योंकि जर्मनी टीम लगातार भारत पर अपना अटैक किए जा रही थी। हालांकि दूसरे क्वार्टर के 17वें मिनट में भारत ने शानदार गोल किया और उसके बाद भारत और जर्मनी का स्कोर 1-1 पर आकर बराबर हो गया। यही से भारतीय खिलाड़ी और दर्शकों में एक बार फिर उत्साह देखने को मिला। हालांकि इसके बाद जर्मनी ने एक के बाद एक शानदार दो गोल किया और भारत पर फिर से अपनी 3-1 से बढ़त बना ली। उस वक्त देश के लोगों ने फिर से जीत की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन कहते हैं ना किस्मत कभी भी साथ दे सकती है और चमत्कार कभी भी हो सकता है। ऐसे में मैच के 27वें और 29वें मिनट में भारत की तरफ से लगातार दो गोल दागे गए। जिसके बाद दूसरे क्वार्टर तक भारत और जर्मनी फिर से 3-3 की बराबरी पर आ गए। मैच का तीसरा क्वार्टर शुरू होते ही भारत में शानदार खेल खेला। मैच के 31वें मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला और उस दौरान भारत ने शानदार गोल किया। इसके ठीक 3 मिनट बाद ही यानी कि 34वें मिनट पर भारत की तरफ से एक और गोल किया गया। जिसके बाद भारत ने जर्मनी पर 5-3 से बढ़त बना ली। हालांकि उसके बाद मैच के 48वें मिनट पर जर्मनी की तरफ से भी एक गोल दागा गया। उस दौरान मैच का स्कोर 5- 4 हो गया और इसके साथ ही भारत ने जर्मनी पर जीत हासिल कर ब्रॉन्ज मेडल पक्का कर लिया।

भारत को हॉकी में गोल्ड की उम्मीद

जर्मनी से जीत हासिल करने के बाद अब भारत के लोगों को पुरुष हॉकी टीम से गोल्ड की उम्मीद है। अब हर कोई भारतीय पुरुष हॉकी टीम से फाइनल में मैच जीतने की उम्मीद के साथ साथ 50 साल बाद देश में गोल्ड लाने की भी बात कर रहा है।

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