April 12, 2025
no death due to oxygen crisis in india

नेशनल डेस्क

केंद्र सरकार की राज्यमंत्री की तरफ से मंगलवार को राज्यसभा में एक बयान दिया गया। जिसके बाद ना सिर्फ देश की राजनीति में गर्माहट आई बल्कि देश की जनता भी लगातार सरकार को आड़े हाथ ले रही है। राज्य मंत्री ने राज्यसभा में बयान दिया था कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर के दौरान देश में ऑक्सीजन किल्लत से किसी की मौत नहीं हुई। इसके अलावा हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर विभाग की तरफ से भी एक स्टेटमेंट जारी किया गया था। उसमें भी राज्य मंत्री की जुबानी भाषा ही बोली गई है।

हालांकि आपको बता दें कि राज्य मंत्री के द्वारा दिया गया बयान पूरी तरह से गलत है। इस मसले पर सरकार पूरी तरह से झूठ बोल रही है। क्योंकि ऑक्सीजन किल्लत की शिकार से होने वाली मौतों का जिक्र खुद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 27 अप्रैल को नागपुर में कोविड-19 उद्घाटन के दौरान किया था। उस दौरान नितिन गडकरी ने कहा था कि देश में कोविड-19 के कारण लोगों को ऑक्सीजन कमी के चलते अपनी जान गवानी पड़ी। हालांकि उस दौरान नितिन गडकरी ने यह भी कहा था कि सरकार पूर्ण रूप से ऑक्सीजन समस्या को हल करने की कवायद में लगी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ नमन सत्य न्यूज़ ने ऑक्सीजन किल्लत को लेकर 28 अप्रैल को 2 ट्वीट किए थे। जिसमें उत्तर प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ से एक पीड़ित परिवार के लिए ऑक्सीजन मुहैया कराने की गुहार लगाई थी। उस दौरान नमन सत्य न्यूज़ द्वारा खुद कई अधिकारियों को लगातार फोन किए गए थे, लेकिन अधिकारियों ने ऑक्सीजन की कमी होने की बात कही थी। जिसके बाद 4 मई को कोरोनावायरस पीड़ित ने ऑक्सीजन किल्लत के चलते हैं अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को लगाई थी फटकार

कोरोना काल की दूसरी लहर के दौरान प्रयागराज हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि प्रदेश में जिस तरह से ऑक्सीजन की किल्लत से लोगों की जान जा रही है वह किसी नरसंहार से कम नहीं है। वहीं दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूपी समेत देश के अनेकों राज्यों में ऑक्सीजन किल्लत के चलते मौत की खबरें भी लगातार सामने आ रही थी।

ऐसे में केंद्रीय राज्य मंत्री का इस तरह से झूठा बयान देना बेहद शर्मनाक है। आखिरकार सरकार के इस बयान के पीछे क्या मंशा थी, उसको समझ पाना तो बेहद कठिन है। लेकिन जिस तरह से बिल्कुल सफेद झूठ बोला गया उसके बाद लगातार सोशल मीडिया पर सरकार की किरकिरी हो रही है।

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