पंजाब: बगावती सुर के बीच आखिर क्यों नरम पड़े कैप्टन, बीजेपी में तलाश रहे हैं अपनी डगर?
पंजाब ब्यूरो
पंजाब कांग्रेस में सिद्धू और कैप्टन के बीच चल रही तनातनी मामले में कैप्टन ने एकाएक नरमी बरती है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह कैप्टन के बीच तनातनी देखने को मिल रही थी। ऐसे में खबर ये भी सामने निकल कर आई कि कांग्रेस की तरफ से सिद्धू को पंजाब का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। जिसके बाद कैप्टन ने सोनिया गांधी को खत लिखकर सिद्धू के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष बनने पर आपत्ति जाहिर की थी। जिसके बाद पंजाब कांग्रेस की राजनीति में और भी ज्यादा बवाल मच गया था। हालांकि शनिवार को पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कैप्टन से मुलाकात की। जिसके बाद कैप्टन के बगावती सुर नरम पड़ते दिखे। हरीश रावत की मुलाकात के बाद कैप्टन ने कहा कि जो पार्टी आलाकमान तय करेंगी, वह उनको भी मंजूर होगा। ऐसे में अब कई लोगों का कहना है कि कैप्टन वेट एंड वॉच की स्थिति में चले गए हैं। इसके अलावा कई लोगों का ये भी कहना है कि कैप्टन अब बीजेपी में भी जाने की फिराक में है। फिलहाल कैप्टन यह देखना चाहते हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू का अंतिम पासा क्या होगा? उसके बाद ही आगे की कुछ स्थिति साफ हो पाएगी। आपको बता दें कि कैप्टन को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है। ऐसे में अगर कैप्टन पंजाब किसानों का मुद्दा सुलझा लेते हैं, तो यह भाजपा के लिए सोने पर सुहागा जैसा होगा। इसके अलावा पंजाब में बीजेपी एक ठोस चेहरा भी ढूंढ रही है, क्योंकि अभी तक बीजेपी के पास पंजाब चुनाव लड़ाने के लिए कोई ठोस चेहरा भी नहीं है। हालांकि पंजाब अगर कांग्रेस में अमरिंदर और नवजोत सिंह सिद्धू के विवाद को सुलझाने में सफल हो जाती है। तो ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को झटका लगने की उम्मीद नहीं होगी। हालांकि यही अंतर कलह पार्टी में बढ़ती गई तो पंजाब में कांग्रेस के लिए आगामी दिन बेहद कठिन साबित होने वाले है।