July 8, 2024

UP: आगामी विधानसभा को देखते हुए मोदी कैबिनेट में 7 मंत्री को सौंपा कार्यभार, 3 दलित,3 OBC, 1 ब्राहमण के भरोसे जातीय समीकरण साधनेे में जुटी BJP

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नमन सत्य न्यूज ब्यूरो

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले कैबिनेट का विस्तार बुधवार को कर दिया गया है। ऐसे में कैबिनेट विस्तार में विशेष ध्यान चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश पर रखा गया है। उत्तर प्रदेश में होने वाले अगले साल के चुनाव को देखते हुए सबसे ज्यादा 7 मंत्री बनाए गए हैं। जिसमें 3 दलित, तीन ओबीसी और एक ब्राह्मण समुदाय के सांसद को जगह मिली है। अब ऐसे में सियासी गलियारे में चर्चाएं तेज हो गई है कि कैबिनेट विस्तार के जरिए यूपी में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने के साथ-साथ चक्रव्यू भी गढ़ा गया है।

यूपी विधानसभा चुनाव के लिहाज से केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में सात मंत्रियों को शामिल किया गया है जिसमें पंकज चौधरी, भानु प्रताप वर्मा, बीएल वर्मा, कौशल किशोर, एसपी सिंह बघेल और अजय मिश्रा को शामिल किया गया है। इसके अलावा अपना दल की अनुप्रिया पटेल को भी राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। इन मंत्रियों के चयन में बहुत ही बारीकी नजर व जातीय समीकरण के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन को भी ध्यान में रखा गया है।

इसी के साथ नए कैबिनेट विस्तार के बाद अब यूपी से कुल 16 मंत्री हो चुके हैं, क्योंकि पहले से ही कैबिनेट में उत्तर प्रदेश से 9 मंत्री थे। जिसमें पीएम मोदी का नाम भी शामिल है। इस हिसाब से अब पीएम मोदी को छोड़कर अगर 15 मंत्रियों की बात की जाए तो 6 सवर्ण, 6 पिछड़ा वर्ग और 3 अनुसूचित जाति से केंद्रीय कैबिनेट में उत्तर प्रदेश के मंत्री हो चुके हैं। तो ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि, उत्तर प्रदेश के 75 जिलों की 80 लोकसभा सीटों को अब 15 मंत्रियों के बीच बांटने की संभावना है। जिसके तहत एक मंत्री के हिस्से में 5 जिले की जिम्मेदारी आ सकती है।

वहीं जिन सांसदों को कैबिनेट विस्तार में जगह मिली है अगर उनके जातीय और क्षेत्रीय समीकरण पर नजर डालें तो पूर्वांचल में पिछड़ों में कुर्मी समुदाय को साधने के लिए पार्टी ने अपनी पारखी नजर रखी है। वोटरों को साधने के लिए केंद्र ने महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी को कैबिनेट में जगह दी है। इसके अलावा विंध्यांचल क्षेत्र में ओबीसी वर्ग के कुर्मी समुदाय को साधने के लिए बीजेपी ने अपना दल अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी है। गौरतलब है कि अनुप्रिया पटेल विंध्याचल में ओबीसी वर्ग में काफी अच्छी खासी पकड़ रखती हैं।

इसके अलावा पश्चिमी यूपी के वोटरों को साधने के लिए एसपी सिंह बघेल को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। एसपी सिहं अनुसूचित जाति से आते हैं और बघेल समाज अति पिछड़ी जाति में आती है। जिसका बृज के क्षेत्र में खासा सियासी आधार है। इन्ही वोटरों को साधने के लिए एसपी सिंह बघेल पर केंद्र ने दांव चला है। वहीं ओबीसी के बीएल वर्मा को भी पिछले साल राज्यसभा में लाया गया था और अब उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में भी ले आ गया है। बीएल वर्मा बदायूं से तालुकात रखते हैं और ओबीसी के लोधी समाज में उनकी अच्छी खासी पकड़ बताई जाती है। गौरतलब है कि एक दौर में कल्याण सिंह इस समाज का प्रतिनिधित्व करते थे लेकिन अब उनकी तबीयत नासाज होने के कारण बीजेपी ने भविष्य की संभावनाएं तलाशी है।

अवध क्षेत्र की बात करें तो यहां का क्षेत्र बीजेपी के लिए हमेशा से काफी संभावनाओं से भरा रहा है। ऐसे में दलित वर्ग का अवध में अच्छा खासा जनाधार है। जिसको साधने के लिए पासी समुदाय से आने वाले दलित नेता कौशल किशोर को पीएम ने कैबिनेट में जगह दी है। वही बुंदेलखंड को साधने के लिए कैबिनेट में पिछड़ी जाति से आने वाले भानु प्रताप वर्मा को भी शामिल किया गया है। गौरतलब है कि आजादी के बाद से बुंदेलखंड से भानु प्रताप वर्मा दूसरे ऐसे नेता है, जिन्हें कैबिनेट में जगह मिली है। आपको यह भी बता दें कि पिछले 30 सालों से भानु प्रताप वर्मा ने बीजेपी का झंडा बुंदेलखंड में बुलंद कर रखा है और वह वहां से 5 बार से सांसद है।

यूपी की सियासत में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले ब्राह्मण समुदाय से अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। जोकि लखीमपुर से सांसद है। हालांकि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों का वोट बैंक 8 से 10 फीसदी ही है। लेकिन राजनीतिक रूप से ब्राम्हण उत्तर प्रदेश की सत्ता में हमेशा से दखल देते रहे हैं। माना यह भी जाता है की ब्राह्मणों का असर अपने वोट बैंक से अधिक दूसरे वोट बैंक पर भी होता है। हालांकि मोदी कैबिनेट में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर महेंद्र नाथ पांडे पहले से ही मंत्रिमंडल में शामिल है।

इन सबके बीच अब ये भी माना जा रहा है कि, आगामी विधानसभा चुनाव के दरमियां ये सभी मंत्री यूपी में वोटरो को अपनी और प्रभावित कर सकते है। जिससे यूपी में बीजेपी को बड़ा फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है। बीजेपी बहुत जल्द अब इन सभी मंत्रियों को जिलेवार बांटकर उत्तर प्रदेश चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। वही जल्दी ही पीएम मोदी और अमित शाह प्रदेश का दौरा भी शुरू करने वाले हैं। गौरतलब है कि जुलाई के आखिरी हफ्ते में पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचकर कई परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाएंगे। माना जा रहा है कि यहीं से उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव का चुनावी बिगुल भी बज जाएगा।

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