प्रतापगढ़: राजा भैया और प्रमोद तिवारी के बीच गठबंधन, जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में चलेगा दोनों का जादू?
प्रतापगढ़ संवाददाता
उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से पहले प्रतापगढ़ जिले से बेहद दिलचस्प खबर सामने आई है। दरअसल प्रतापगढ़ उन चुनिंदा जिलों में से एक है, जहां बीजेपी का अब तक खाता नहीं खुल सका है। वही अगर प्रतापगढ़ के अब तक के इतिहास पर नजर डालें तो साल 2010 के चुनाव को छोड़ कर 1995 से लेकर 4 बार जिला पंचायत के चुनाव में यहां सिर्फ रघुराज प्रताप राजा सिंह उर्फ राजा भैया का ही जादू चला है। हालांकि इस बार बीजेपी सत्ता में काबिज होने के चलते इस बार जिला पंचायत की कुर्सी पर पूरा कब्जा जमाने की कोशिश में लगी हुई है। वही दूसरी तरफ सपा और कांग्रेस किंग मेकर की भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी राजा भैया के साथ हाथ मिलाकर सपा और बीजेपी को रोकने का पूरा बंदोदस्त कर लिया है। इसके साथ ही प्रमोद ने जिले में नई सियासी इबारत लिखने के भी संकेत दे दिए हैं।
आपको बता दें कि प्रतापगढ़ के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी की तरफ से क्षमा सिंह को मैदान में उतारा गया है। जबकि सपा ने अमरावती देवी को टिकट दिया है। वही राजा भैया ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से माधुरी पटेल को उम्मीदवार बनाया है। लिहाजा अब प्रतापगढ़ में जिला पंचायत के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने के आसार है। ऐसे में जिले में सबसे अहम भूमिका में कद्दावर कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी भी आ गए हैं। क्योंकि जिस तरीके से प्रमोद तिवारी का कद प्रतापगढ़ में रहा है। ऐसे में जिधर उनका समर्थन जाएगा निश्चित ही वो प्रत्याशी विजयी हो सकता है. हालांकि इसका पता 3 जुलाई को मतदान के बाद पता चलेगा।
दूसरी तरफ प्रदेश में भले ही कांग्रेस का अस्तित्व खत्म होता हुआ दिख रहा हो, लेकिन प्रमोद तिवारी का प्रतापगढ़ में दबदबा आज भी कायम है। ऐसे में प्रतापगढ़ की सियासत में दबदबा रखने वाले राजा भैया की पार्टी से चुनाव लड़ रही माधुरी पटेल को प्रमोद तिवारी ने समर्थन देकर उनकी जीत के आसार बढ़ा दिए हैं।
गौरतलब है कि प्रतापगढ़ जिले में प्रमोद तिवारी और रघुराज प्रताप सिंह राजनीति के 2 सबसे बड़े नाम है। हालांकि दोनो-एक दूसरे के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी भी है। ऐसे में दोनों का साथ आना, मतलब की भविष्य की राजनीति में एक नई इबारत लिखे जाने के संकेत देने के बराबर होगा। इन सबके बीच गौर करने वाली बात ये भी होगी की दोनो का साथ सिर्फ पंचायत चुनाव तक ही होगा, या फिर आने वाले वक्त में यह दोस्ती और आगे बढ़ेगी?
प्रतापगढ़ में जिला पंचायत के कुल 57 सदस्य हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा 17 सदस्य सपा के जीत कर आए हैं। वहीं जनसत्ता दल लोकतांत्रिक 11 जबकि बीजेपी के महज 7 सदस्य ही जीत दर्ज कर सके हैं। इसके अलावा कांग्रेस के पांच और अन्य 7 उम्मीदवारों को विजय मिली है।