राहुल के ट्वीट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का पलटवार, बोले अहंकार और अज्ञानता की कोई वैक्सीन नहीं

दिल्ली ब्यूरो
देश कोरोना की दूसरी लहर के संकट से अब धीरे-धीरे उबर रहा है। ऐसे में इस दौरान काफी लोगों ने इस महामारी में पीड़ा सही है। साथ ही वैक्सीन ने देश के लोगों को साहस दिया है। ऐसे में कोरोना संकट के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार सरकार को महामारी, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था और टीका जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरते रहे है। इसी कड़ी में शुक्रवार को राहुल ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘जुलाई आ गया, वैक्सीन नहीं आई’। ऐसे में सरकार जल्द से जल्द टीकाकरण कैसे करा पाएगी। सरकार को बड़ी संख्या में टीकाकरण कराना चाहिये, ताकि कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लग सके और सुरक्षा मिल सके।
राहुल गांधी के ट्वीट के बाद Bjp सरकार की तरफ से लगातार मंत्रियों और नेताओं के बयान आने शुरू हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राहुल गांधी के ट्वीट पर पलटवार करते हुए लिखा कि, ‘बीते दिन ही मैंने जुलाई के बारे में वैक्सीन के आंकड़े रखे थे, राहुल की क्या दिक्कत है समझ नही आता, क्या वह पढ़ते नहीं है। अब ऐसे में अहंकार और अज्ञानता की कोई वैक्सीन नहीं आई है। ऐसे में कांग्रेस को अपना नेतृत्व और पार्टी संभालने पर ध्यान देने की जरूरत है।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल गांधी के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा कि, ‘वैक्सीन की 12 करोड़ डोज जुलाई महीने में उपलब्ध होंगी, जो निजी अस्पताल की डिमांड से अलग है। राज्यों को 15 दिन पहले ही आपूर्ति के बारे में सूचना दी जा चुकी है। ऐसे में राहुल गांधी को समझना चाहिए कि कोरोना से लड़ाई में गंभीरता बरतनी होगी क्योंकि इस समय ओछी राजनीति का प्रदर्शन उचित नहीं है।
गौरतलब है कि सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया था कि, जल्द ही देश के अधिकांश हिस्सों में टीकाकरण अभियान पूरा हो जाएगा। हालांकि अभी तक देश की कुल आबादी का एक तिहाई हिस्सा ही वैक्सीनेट हो पाया है। जानकारी के अनुसार, जुलाई महीने में केंद्र की ओर से राज्यों को कुल 12 करोड़ के करीब वैक्सीन दी जाएगी। वहीं देश में अभी तक 35 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। केंद्र ने हाल में ही सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि, अगस्त से दिसंबर के बीच उसके पास 135 करोड़ से अधिक वैक्सीन उपलब्ध रहेगी, यानी सरकार का लक्ष्य है कि दिसंबर तक वैक्सीन की पहली डोज सभी को लग जाए। हालांकि सरकार इस लक्ष्य को कैसे पूरा करेगी उसके लिए यह एक बड़ी चुनौती है।