धर्म के धंधेबाजों पर UP ATS की नकेल, महाराष्ट्र के बीड से इरफान गिरफ्तार
लखनऊ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले धर्मांतरण का मुद्दा लगातार गर्म होता जा रहा है। वही दूसरी तरफ ATS भी लगातार एक्शन में नजर आ रही आ रही है। जिसको लेकर UP ATS लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के बीड से यूपी एटीएस ने धर्मांतरण मामले में इरफान ख्वाजा खान को भी गिरफ्तार किया गया है। इरफान मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेटेटर मतलब ट्रांसलेशन करने का काम करता है।
वहीं इरफान की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में एक बड़ा खुलासा और हुआ है। दरअसल पता चला है कि यह वही इरफान है जिसने 2017 और 2020 में दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया था। इन दोनों ही कार्यक्रमों में इरफान ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को इशारों के जरिए मूक बधिर लोगों को समझाया था। हालांकि अब इरफान की गिरफ्तारी के बाद सवाल ये भी उठने लगा है कि अगर वो इस तरह के मामलों में शामिल था तो वह PM मोदी के मंच तक कैसे पहुंच गया। क्या SPG और PM मोदी की सिक्योरिटी में लगी एजेंसियां इस बात को मालूम करने से चूक गई?
आपको बता दें की 29 फरवरी 2020 को प्रयागराज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम खत्म होने के बाद खुद इरफान से मिलने पहुंचे थे और पीठ थपथपाकर शुभकामनाएं दी थीं। इसी कार्यक्रम में इरफान ने पीएम के भाषण को ट्रांसलेट कर मूक बधिर लोगों को समझाया था।
वहीं 29 जून 2017 को राजकोट में दिव्यांगों के लिए हुए कार्यक्रम में इरफान ने PM मोदी के भाषण को ट्रांसलेट किया था। लेकिन अब इरफान की गिरफ्तारी के बाद एजेंसियों पर सवाल उठने लगे है की आखिर इतनी बड़ी चूक हुई कैसे, अब इस मामले में यूपी ATS के IG जीके गोस्वामी का कहना है कि इरफान मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में जिम्मेदार पद पर पोस्टेड था। हो सकता है वह किसी कार्यक्रम में PM के साथ शामिल हुआ हो। हमारी इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि वह धर्मांतरण के मामले में शामिल था। उसकी भूमिका अहम है। इस मामले में अभी और भी जांच चल रही है। वहीं ATS ने दावा किया है कि इरफान मूक बधिर बच्चों का धर्मांतरण कराता था। साथ ही हिंदू और दूसरे धर्म के मूक-बधिर बच्चों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करता था। बच्चों से दूसरे धर्म की बुराइयां करता था और उन्हें भड़काता था। यही नहीं मूक-बधिर बच्चों की सूची भी धर्मांतरण कराने वाले मौलाना उमर गौतम और जहांगीर आलम को उपलब्ध कराता था।
हालांकि जब इरफान की कुंडली खंगाली गई तो पता चला कि वो तीन भाइयों में घर में सबसे छोटा है, बीड जिले के सिरसाला गांव के जायकवाडी मोहल्ले में टीनशेड का घर है।
और इरफान ने शुरुआती पढ़ाई परली के बिलाल उर्दू स्कूल से की है। इसके बाद सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी एजुकेशन परली के वैद्यनाथ कॉलेज में पूरी की। 2013 में उसकी चाइल्ड वेलफेयर मिनिस्ट्री में नौकरी लग गई। 2015 में उसकी शादी हुई। वहीं घर में रह रही मां काफी बीमार रहती है, जिसकी वजह से उसे इरफान की गिरफ्तारी की बात नहीं बताई गई है।