July 8, 2024

7 साल में PM मोदी ने किया 77वें “मन की बात” एपिसोड, कोरोना और चक्रवात हानि पर भी जताया खेद

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नमन सत्य न्यूज ब्यूरो

रविवार को बीजेपी सरकार को देश में 7 साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 77वें कार्यक्रम “मन की बात” के दौरान जनता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सबसे पहले कोरोनाकाल के दौरान अपनी जान गवां चुके लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की, इसके आगे पीएम ने कहा मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अपने करीबियों को कोरोना और चक्रवात में खोया है। पीएम मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान जिस तरह से देश के सभी स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन, प्रदेश सरकारें और केंद्र सरकार ने आगे आकर लोगों की मदद की है, वो वाकई सराहनीय है। पीएम मोदी ने कहा कि देश पूरी ताकत के साथ कोवीड से लड़ रहा है, पिछले 100 वर्षों में ये अब तक की सबसे बड़ी महामारी देश में आई है। इस महामारी के बीच भारत ने अनेकों प्राकृतिक आपदाओं का डटकर सामना किया है। इस दौरान चक्रवात अम्फान, निसर्ग, अनेक राज्यों में बाढ़ आई, अनेक भूकंप, भूस्खलन आए ओर तो और पिछले 10 दिनों में ही देश में फिर 2 बड़े cyclone ‘ताऊ-ते’ और पूर्वी coast पर cyclone यास का सामना किया। पीएम ने कहा कि
देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत के साथ लड़ी, जिसके चलते कम से कम जनहानि हो सकी। पीएम ने कहा की महामारी के साथ साथ जिस तरह से विपदा की इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में cyclone से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने अपने साहस का परिचय दिया है। उसके लिए वे आदरपूर्वक सभी नागरिकों की सराहना करते है। पीएम ने ऑक्सीजन को लेकर भी जनता से कहा कि चुनौती के इस समय में ऑक्सीजन के परिवहन को आसान करने के लिए भारतीय रेल भी आगे आई है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने सड़क पर चलने वाले ऑक्सीजन टैंकर से कहीं ज़्यादा तेज़ी से और कहीं ज़्यादा मात्रा में ऑक्सीजन देश के अनेकों कोने-कोने में पहुंचने का कार्य किया। पीएम ने कहा की कोरोना की शुरुआत में देश में सिर्फ एक ही testing lab थी, लेकिन आज ढाई हजार से ज्यादा labs काम कर रही हैं। महामारी की शुरुआत में सौ टेस्ट एक दिन में हो पाते थे। लेकिन अब देश में रोजाना 20 लाख से ज्यादा टेस्ट एक दिन में हो रहे हैं। पीएम ने अपने इस कार्यक्रम के दौरान देश के फ्रंटलाइन वॉरियर की भी सराहना कि पीएम ने कहा कि इस महामारी के दौरान जाने कितने फ्रंटलाइन वर्कर्स कोरोना सैंपल लेने में लगे हुए थे। उस वक्त संक्रमित मरीजों के बीच जाना और sample लेना, बेहद मुश्किल भरा काम था। बावजूद इसके इन फ्रंटलाइन वर्कर्स ने देश में जिस तरह से कार्य किया में उनको भी दिल से धन्यवाद करता हूं।

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