नौकरी छोड़, अज्ञात कोविड शवों के अंतिम संस्कार में जुटी नर्स, देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान

स्पेशल डेस्क, नमन सत्य न्यूज़
महामारी के दौरान देश में कई तस्वीरें ऐसी देखने को मिली जिसमें सिर्फ और सिर्फ बेबसी, मजबूरी और लाचारी नजर आई। इस दौरान तो कई तस्वीरें ऐसी भी रही जो लोगों को विचलित भी कर गई। लेकिन इस बीच देश में कुछ लोग ऐसे भी रहे जो कोरोनाकाल में लोगों के लिए देवदूत बनकर सामने आए हैं। ऐसा ही एक परिवार उड़ीसा से सामने आया है। जो कोरोनाकाल में अज्ञात शवों को उनके परिजन को खोजकर शवों को सुपुर्द करता है, और परिजनों की जानकारी ना मिल पाने पर खुद ही इन शवों का अंतिम संस्कार करता हैं। हम बात कर रहे हैं उड़ीसा के भुवनेश्वर की रहने वाली मधुस्मिता की। इन दिनों मधुस्मिता अपने पति के साथ मिलकर कोरोना से हूई मौतों के अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार कर रही हैं।
नौकरी छोड़, समाज सेवा में जुटी मधुस्मिता
मधुस्मिता बताती हैं कि वह पिछले 11 साल से कोलकाता के फोर्टिस अस्पताल में नर्स के तौर पर कार्य कर रही थी। लेकिन कोरोनाकाल के दौरान उन्होंने लोगों की मौत के बाद उनके शवों की हो रही दुर्गति को देखकर अपनी नौकरी त्याग दी और लोगों की समाज सेवा में जुट गई। फिलहाल मधुस्मिता अपने पति के साथ मिलकर उन सभी अज्ञात शवों को ढूंढ कर उनके परिजनों तक पहुंचाने का कार्य करती हैं। ऐसे में अगर अज्ञात शव परिजनों तक नहीं पहुंच पाता तो मधुस्मिता खुद ही अपने पति के साथ मिलकर इन शवों का अंतिम संस्कार करती हैं। मधुस्मिता का परिवार इन दिनों आर्थिक संकट से गुजर रहा है। बावजूद इसके ये परिवार निस्वार्थ समाज सेवा में जुटा हुआ है। मधुस्मिता के पति इन दिनों सब्जी बेच कर घर का खर्च चला रहे हैं। इससे पहले मधुस्मिता के पति ऑटो चलाते थे लेकिन अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार के दौरान आर्थिक संकट के चलते उन्होनें अपना ऑटो बेच दिया।
शवों के अंतिम संस्कार के लिए BMC से मिली इजाजत
मधुस्मिता के पति प्रदीप बताते हैं कि वह पिछले 11 साल से अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। तत्काल स्थिति में शवों की हो रही दुर्गति को देखते हुए उन्होंने बीएमसी से इसके लिये इजाजत भी ले ली है। जिसके बाद यह परिवार कोरोनावायरस संक्रमण से हुई मौतों के शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। आपको बता दें कि कोरोनाकाल में पिछले 1 साल के दौरान ये परिवार अबतक लगभग 300 से ज्यादा कोरोनावायरस से हुई मौतों के शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं।