यूपी सरकार के दावों में दम ? या फिर हकीकत कुछ और…

नमन सत्य ब्यूरो
उत्तर प्रदेश में कोरोना विस्फोट से सभी वाकिफ हैं। हालांकि सरकार की लॉकडाउन घोषणा के बाद कोरोना मामले कुछ प्रतिशत घटे भी हैं। लेकिन प्रदेश के उन क्षेत्रों का क्या जहां पर जागरुकता के आभाव से देश की निर्दोष जनता की जान जा रही है। लेकिन सरकार अपनी गलती को छुपाने की लगातार कोशिशें कर रही है। अगर यूपी के गांवों की बात करें तो वहां पर लोग अभी भी कोरोना के लक्षणों और उससे बचने के तरीकों से अनजान हैं। गांव के प्रधान से लेकर आमजन तक, सभी में कोरोना को लेकर भिन्न-भिन्न मत हैं। यही कारण है कि यूपी के कई गांवों में अभी तक कोरोना से हजारों मौतें हो चुकी हैं। लेकिन सरकार हर तरफ से बस शाबासी लेने की होड़ में खड़ी है।
क्या है सच्चाई
यूपी के जिलों में आस-पास के बसे छोटे गांवों में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी हैं। जिनका जवाब सरकार ने अभी तक नहीं दिया है। वहीं कई जगहों पर तो झोला छाप डाक्टरों के इलाज से भी मरीजों ने दम तोड़ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक रामगढ़ के बड़ौरा, नोनार, इमलियां, प्रखंड तरोइयां और आंटडीह गांव की एक तिहाई से ज्यादा आबादी में कोरोना वायरस के लक्षण हैं, लेकिन गांव के लोग अपनी जांच नहीं करा रहे हैं। सही जानकारी नहीं होने के कारण ग्रामीण डर रहे हैं कि अगर वे संक्रमित हुए तो उनकी जान चली जाएगी। कई दिनों से इन गांवों में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर को सर्दी-खांसी यानी कोरोना के लक्षणों जैसी शिकायत थी, लेकिन इन लोगों ने कोरोना के डर से अपनी जांच नहीं कराई थी।
लगातार बढ़ रहा कोरोना
आपको बता दें यूपी समेत देश के कई राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है औऱ अगर जल्द ही सरकार की ओर से कठोर कदम नहीं उठाए गए तो गांवों में मंजर भयावह हो सकता है।