कोरोना का गांवों पर वार, कैसे बचाएगी सरकार

देश में कोरोना की दूसरी लहर में गांव महामारी का शिकार बन रहे हैं। यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश समेत कई अलग-अलग राज्यों से दिल दहलाने वाली खबरें सामने आ रही हैं। साल 2020 में कोरोना ने भले ही अपनी रफ्तार कम कर ली थी और शहरों तक सीमित रहा था। लेकिन 2021 में कोरोना ने मार्च की शुरुआत से मई आते-आते ग्रामींण इलाकों में भी अपने पैर पसारने शुरु कर दिए हैं। गांवों में स्वास्थ सुविधाओं का आकाल तो पहले ही था। ऐसे में सरकार के लिए गांवों को बचाना एक बड़ी गंभीर समस्या है। जो भविष्य में और बढ़ सकती है क्योंकि सरकार की ओर से तो अभी तक मात्र हाई लेवल मीटिंग ही देखने को मिल रही हैं। किसी समस्या का जटिल समाधान नहीं।
क्यों हो सकते हैं गांवों में और बुरे हाल
गांवों में शहरों की तरह उस हद तक की जागरुकता नहीं हैं और वैसी स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं है कि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत इलाज किया जा सके। वहीं टेस्टिंग और इलाज की सुविधा ना होने के कारण लक्षण होने के बावजूद ग्रामीण खुद को सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं। जिसके लिए सरकार की ओर से जल्द कोई बड़ा कदम उठाने की जरुरत है। अगर यूपी ग्रामीण इलाकों की बात करें तो आगरा जिले के 2 गांवों में महज 20 दिनों के अंदर कोरोना संक्रमण से 64 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं कानपुर ग्रामीण क्षेत्रों में भी 30 लोगों की जान जा चुकी हैं। बुलंदशहर में 11 दिनों में 17 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में शहरों के मुकाबले गांवों पर भी सरकार को जल्द ही कई बड़ी घोषणा करने की जरुरत है।