यूपी में कोरोना के मरीज राम भरोसे , प्रशासन और सरकार पूरी तरह फेल
नमन सत्य संवाददाता
उत्तर प्रदेश में एक तरफ प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ कोरोना से निपटने के पूरे इंतजाम की बात कर रहे है। वहीं दूसरी तरफ रोजाना मरीजों की मौत के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। जिसके चलते प्रदेश में मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। बाकी रहे-सहे मरीज कोरोना से त्राहि त्राहि कर रहे है। ऐसी लचर व्यवस्था में कौन सा मरीज कब मर जाए ये भी कहना फिलहाल मुनासिब नहीं है।
आपदा में नेता और अधिकारी नहीं उठा रहे फोन
कोरोनावायरस के बिगड़ते हालातों के बीच उत्तर प्रदेश के हालत भी बेहद बिगड़ चुके हैं। ऐसे में प्रदेश के अधिकारी ना तो किसी का फोन उठाते हैं और ना ही किसी मरीज की मदद कर पा रहे हैं। ताजा मामला गाजियाबाद से सामने आया है। जहां बुधवार सुबह मोदीनगर कि देवनगर सोना रोड निवासी अनीता रानी को सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही थी। जिसके बाद अनीता ने डॉक्टर को चेक करवाया तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने की जानकारी मिली। ऑक्सीजन की जानकारी मिलने के बाद अनीता ने अपने क्षेत्र की विधायक मंजू सीवेच को फोन लगाया और उनके निजी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंच गई। जहां विधायक मंजू द्वारा अनीता को सलाह दी गई कि उनके अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है लिहाजा वह किसी अन्य अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवाएं। जिसके बाद अनीता गोविंदपुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जा पहुंची और सीएमएस को फोन करती रही। कई घंटे तो सीएमएस साहब ने अनीता का फोन ही नहीं उठाया। लेकिन किसी को लगातार फोन करता देख सीएमएस साहब परेशान हो उठे और जैसे-तैसे फोन उठाने की जहमत उठाई। जिसके बाद अनीता ने सीएमएस साहब को अपनी परेशानी बताई तो सीएमएस साहब ने कहा कि उनके अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है। लिहाजा अब अनीता ने गौतम बुधनगर से सांसद और कैलाश अस्पताल के मालिक को फोन करना उचित समझा। लेकिन महेश शर्मा अपने निजी काम में इतने व्यस्त हैं की इस आपदा की घड़ी में वह लोगों का फोन उठाना उचित नहीं समझ रहे हैं। जब इस बात की जानकारी नमन सत्य न्यूज़ को लगी तब नमन सत्य न्यूज़ ने भी एक के बाद एक लगभग 20 कॉल डॉक्टर महेश शर्मा को किए बावजूद इसके महेश शर्मा ने नमन सत्य न्यूज़ का भी फोन नहीं उठाया। जिसके बाद अब अनीता के परिजन को सिर्फ दो ही रास्ते नजर आ रहे थे। अनीता के परिजन ने परेशान होकर डीएम गाजियाबाद को कॉल किया। तब डीएम के पीआरओ द्वारा कॉल उठाया गया। अनीता ने यहां भी अपनी आप बीती सुनाई तब पीआरओ साहब ने डीएम महोदय के मीटिंग में होने की बात कहीं या यूं कहे की यहां भी साहब अपनी जान बचाते दिखाई पड़े। जब पीआरओ से कहा गया की पीड़ित की जान भी जा सकती है। तब पीआरओ साहब ने कहा की अभी वो कुछ नही कर सकते। जब डीएम साहब फ्री होंगे तो कॉल करेंगे। हर तरफ से सरकार और प्रशासन की लचर व्यवस्था से मार खाई अनीता ने डीएम गौतमबुध नगर को फोन किया। वहां भी पीआरओ साहब द्वारा फोन उठाया गया और कहा गया कि ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में जैसे-तैसे अनीता के परिजनों द्वारा दिल्ली से ऑक्सीजन का बंदोबस्त किया गया। या यूं कहें कि प्रभु श्री राम के भरोसे अनीता को हल्की-फुल्की कहीं से ऑक्सीजन प्राप्त हो गई। हालांकि अनीता के शरीर में अभी भी ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है लेकिन सुनने वाले बिल्कुल बहरे हुए बैठे हैं।
यूपी पुलिस भी नहीं कर सकी मदद
कहते है कि प्रदेश में यूपी पुलिस का ट्विटर हैंडल बहुत एक्टिव रहता है। ऐसे में नमन सत्य न्यूज़ द्वारा अनीता की परेशानी व मोबाइल नम्बर की जानकारी यूपी पुलिस समेत योगी आदित्यनाथ, योगी आदित्यनाथ ऑफिस, अवनीश अवस्थी, मृत्युंजय कुमार और सीएम ऑफिस को दी गई। लेकिन अफसोस किसी भी तरफ से कोई जवाब प्राप्त नहीं हो सका। फिलहाल अनीता को उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ और प्रदेश का प्रशासन उनकी मदद जरूर करेगा। क्योंकि अनीता के शरीर में ऑक्सीजन लगातार कम हो रहा है और प्रदेश के मुखिया और प्रशासन बिल्कुल मूकदर्शक बने बैठे हैं।
यूपी के इन शहरों की स्थिति बेहद खराब
आपको बता दें यूपी की राजधानी लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, और मेऱठ समेत कई जिलों में कोरोना विस्फोट लगातर जारी है। गाजियाबाद में 1068 तो वहीं नोएडा में 971 कोरोना के मरीज सामने आए हैं और 12 लोगों की मौत हो गयी। इसके साथ ही लखनऊ में 39 और गाजियाबाद मेंम 15 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गयी। आपको बता दें दिल्ली, महाराष्ट्र ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी बेड्स, दवाइयां, और ऑक्सीजन की कमीं देखने को मिल रही है।