कोरोना काल में राजनीतिक घमासान, केंद्र और विपक्ष में खींचतान

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने खतरनाक रुप ले लिया है और देश में हर तरफ जानलेवा मंजर नजर आ रहा है। इसी बीच विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार को घेरने का काम शुरु कर दिया है। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री की तरफ से कहा जा रहा है कि राज्य लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रुप में ही देखें। वहीं गैर बीजेपी शासित प्रदेश लॉकडाउन लगाने की जिद पर अड़े हैं।

लॉकडाउन की जिद में अड़े कई प्रदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन की आशंकाओं को दूर किया था और कहा था कि हमें देश को लॉकडाउन की स्थिति से बचाना है। लेकिन पीएम की सलाह को ना मानतो हुए देश के कई प्रदेशों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। जिससे कोरोना तो थम सकता है लेकिन भविष्य में गरीब वर्ग के लिए जीवन यापन करने में समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। आपको बता दें कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सोमवार से 26 अप्रैल तक का लॉकडाउन लगाने का एलान किया है। वहीं राजस्थान सरकार ने भी 15 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है। झारखंड में 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक कै लॉकडाउन लगाया गया है। इसके साथ ही बात अगर महाराष्ट्र की करें तो महाराष्ट्र में तो कोरोना वायरस ने हालात को बद से बदतर कर दिया है जिसके चलते महाराष्ट्र में 21 अप्रैल से लॉकडाउन और उसकी गाइडलाइन्स की घोषणा की जाएगी। इसके साथ ही अगर BJP शासित राज्यों की बात करें तो अभी तक लॉकडाउन से बचते नजर आ रहे हैं और साप्ताहिक लाॉकडाउन के साथ ही नाइट कर्फ्यू को अपना पहला विकल्प मानकर चल रहे हैं।

PM के संबोधन पर बयानबाजी जारी
प्रधानमंत्री के संबोधन पर काग्रेस ने निशाना साधते हु कहा कि ‘ज्ञान का सार यह था कि उनके बस का कुछ नहीं है’