नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता को करें प्रसन्न, जानें क्या है पूजा के विधि-विधान

आज नवरात्र व्रत का पांचवां दिन है और माता दुर्गा के पाचवें शक्ति स्वरुप स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली देवी कहा जाता है। इस दिन साधक का मन समस्त लौकिक, सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाता है। इस समय साधक को मां के ध्यान में लीन हो जाना चाहिए। हमें एकाग्र मन से मां की शरण में आने का प्रयास करना चाहिए

कौन हैं स्कंदमाता
भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय नाम से जाने जाते हैं। ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में सेनापति बने थे। पुराणों में इन्हें कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा को सुनाया गया है। इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के इस स्वरुप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। स्कंद माता की चार भुजाएं हैं।
कैसे करें मां की पूजा
सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई कर से स्नान कर लें। इसके बाद माता की चौकी की सफाई करें औऱ मां को गंगाजल से स्नान कराकर मां का श्रृंगार कर दें। इसके बाद एक कलश में पानी ले कर उसमे कुछ सिक्के डालें और चौकी पर रख दें। मां के मंत्र का जाप करें और मां को मिष्ठान का भोग लगाएं औऱ माता का ध्यान लगाते हुए अपनी विनती कहें और मां को प्रणाम कर के आशीर्वाद लें।