July 3, 2024

बिन ‘विकास’ बिकरु में मतदान, 25 साल बाद आजाद महसूस कर रहा हैं गांव

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नमन सत्य ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में गुरुवार से शुरु हो चुके त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वोटिंग करने के लिए 18 जिलों के वोटर्स आज अपने वोट की ताकत से अपने लिए प्रधान का चुनाव करेंगे। और यूपी के ग्रामीण स्तर के चुनावों को लेकर ऐसी कई खबर सामने आ चुकी हैं जिनमें प्रधान पद के उम्मीदवार के रुआब और दबदबे के आधार पर ही ग्राम प्रधान चुन लिया जाता था। और कुछ ऐसा ही कहा जाता है कानपुर जिले के बिकरु गांव के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के बारे में,  बीते 25 सालों में बिकास दुबे का खौफ इस कदर था कि उसके ही फैसले से गांव का प्रधान बना दिया जाता था और 25 सालों तक बिकरु गांव में प्रधान प्रत्याशियों के नाम पर केवल विकास के करीबियों का ही वर्चस्व रहा।

अकेला विकास दुबे ही चुनता था ग्राम प्रधान

गांव में विकास दुबे का खौफ इस तरह से बसा था कि बिना विकास दुबे की मर्जी के गांव का कोई भी व्यक्ति प्रधानी पद को लिए दावा नहीं कर सकता था। विकास की मर्जी से चुना गया व्यक्ति ही प्रधानी पद के लिए पर्चा भर सकता था, लेकिन करीब 25 सालों के बाद बिकरु गांव में 10 प्रत्याशियों ने अबकी प्रधानपद के लिए पर्चा दाखिल किया। आपको बतादें बिकरु गांव में चुनाव पुख्ता सुरक्षा इंतजामों के साथ कराए जा रहे हैं औऱ बूथों पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जा रही है। गांव के सारे हथियार जमा कराए जाने के साथ ही गांव में करीब 1500 लोग नजरबंद किए गए हैं।

कौन था विकास दुबे

कानपुर में थाना चौबेपुर क्षेत्र में 2,3 जुलाई 2020 को करीब आधी रात में गैंगस्टर विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गयी थी। जिसमें 8 पुलिस के जवान शहीद हो गए थे जिसके बाद विकास दुबे फरार हो गया था। इसके बाद पुलिस ने विकास दुबे पर तोबड़तोड कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया था। बाद में यूपी लाते वक्त विकास दूबे ने भागने का प्रयास किया उसी वक्त यूपी पुलिस ने विकास को मार गिराया था।

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