December 5, 2024

नमन सत्य SPECIAL: मुख्तार अंसारी का नया पता बांदा जेल, यूपी के और चर्चित कैदियों का कहां हैं ठिकाना?

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नमन सत्य/स्पेशल डेस्क

बाहुबली मुख्तार अंसारी को यूपी की बांदा जेल में लाकर बंद कर दिय गया हैं और उसके लंबिल मामलों पर सुनवाई हो रही है। 2005 से जेल में बंद मुख्तार अंसारी पर कई दर्जन मुकदमें दर्ज हैं। डेढ़ साल पहले पंजाब के एक कारोबारी से रंगदारी मांगने के आरोप में अंसारी को पंजाब पुलिस रोपड़ जेल लेकर गई थी। लेकिन यूपी सरकार ने अब अंसारी को एक बार फिर बांदा की जेल बैरक नंबर 15 में लाकर बंद कर दिया है। ऐसे में आइए जानते हैं यूपी के और चर्चित कैदी कहां हैं।

ब्रजेश सिंह

30 से ज़्यादा संगीन आपराधिक मुक़दमों में नामज़द रह चुके ब्रजेश सिंह के बिना पूर्वांचल के माफ़िया नेताओं की कहानी पूरी नहीं होती हैं। पिता की हत्या का बदला लेने के लिए ब्रजेश सिंह ने अपराध की दुनिया में कदम रखा और 1986 में हत्या करने के बाद पहली बार ब्रजेश जेल गया। जेल जाने के बाद ब्रजेश सिंह अपने जैसों से मिलकर अपराध की दुनिया में घुसता चला गया। इसके बाद रेल, बिजली और कोयले की ठेकेदारी के लिए अपना रुतबा दिखाने लगा। लेकिन मुख्तार अंसारी के दबदबे की वजह से ब्रजेश सिंह की एक ना चली तो उसने कृष्णानंद राय का दामन थाम लिया। लेकिन मुख्तार ने 2005 में कृष्णानंद राय की हत्या करवा दी। और अपने दबदबे को कायम रखा। कृष्णानंद राय की हत्या के बाद ब्रजेश बचने के लिए ओडिशा भाग गया। इसके बाद 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किए जाने के बाद 2008 में वो पुलिस की गिरफ्त में आ गया। ब्रजेश सिंह पर मकोका, टाडा और गैंगस्टर एक्ट के तहत हत्या, हत्या का प्रयास, हत्या की साजिश रचने और अपहरण करने को लेकर, दंगा-बवाल भड़काने, सरकारी कर्मचारी को इरादतन चोट पहुंचाने, झूठे काग़ज़ात बनवाने, जबरन वसूली करने और धोखाधड़ी के साथ साथ जबरदस्ती ज़मीन हड़पने तक के मुक़दमे दर्ज हो चुके हैं। लेकिन 2016 में ब्रजेश सिंह वाराणसी से एमएलसी बनकार राज्य की विधानसभा में पहुंचे। मौजूदा वक्त में वो अभी भी 11 मुकदमों में नामजद हैं और वाराणसी की सेंट्रल जेल में कैद हैं। कहा जाता है कि आज भी उनसे मिलने वाले लोग आसानी से उनके पास पहुंच जाते हैं क्योंकि मौजूदा वक्त में वो माननीय हैं।

अतीक अहमद

25 जनवरी, 2005 राजू पाल की हत्या और शहर में खुलेआम होते तांडव को याद करने से पहले आइए जानते वो कौन था जो 2005 गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को रक्तरंजित कर रहा था और उसके माफिया बनने की कहानी कहा से शुरु हुई थी। तो ये साल था 1979 और तब प्रयागराज इलाहाबाद हुआ करता था, और कहानी शुरु होती है इलाहाबाद के चकिया मोहल्ले से, जहां एक लड़का 10वीं में फेल हो जाता और इस बीच तांगेवाले के लड़के को अमीर बनने का चस्का लग जाता हैं वो अमीर बनने के लिए कुछ भी कर सकता था। और उसने वहीं किया लड़के के ऊपर 17 साल की उम्र में हत्या का आरोप लग जाता हैं और बस यहीं से फिरोज तांगेवाला के लड़के की अपराध की दुनिया में इंट्री हो जाती है और उसका नाम होता है अतीक अहमद। फिलहाल अतीक पर अभी तक कुल 163 मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें प्रापर्टी हड़पना, हत्या का प्रयास, हत्या की साज़िश रचना, ठगी और रंगदारी वसूलने के मामले शामिल हैं। हालांकि कई मुकदमों में अतीक को बरी कर दिया गया है। मौजूद वक्त में अतीक के ऊपर दर्ज 38 मुकदमे ट्रायल पर हैं। साथ ही विधायक राजू पाल की हत्या के बाद अतीक पर पुलिस का शिकंजा लगातार कसता रहा है। फिलहाल मौजूदा वक्त में अतीक अहमद का ठिकाना गुजरात की अहमदाबाद जेल हैं।

खान मुबारक

आपने क्रिकेट खेला होगा और आउट भी हुए होंगे कभी बोल्ड, कभी कैच, तो कभी रन आउट। विपक्षी टीम से थोड़ा बहस भी हुई होगी, अंपायर के ऊपर भी आपको कभी न कभी गुस्सा आया ही होगा। लेकिन उस गुस्से में आपने अंपायर को गोली नही मारी होगी। लेकिन यहां जिस शख्स की बात हो रही है उसने ऐसा ही कुछ किया था। एक दशक पहले इलाहाबाद में पढ़ाई करने के दौरान खान मुबारक ने क्रिकेट मैच के दौरान अंपायर द्वारा रन आउट दिए जाने पर अंपायर को गोली मारकर अपराध की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद जरायम की दुनिया में खान मुबारक ने लूट, रंगदारी करके अपनी पकड़ मजबूत बनाना शुरु कर दी। और अपना वर्चस्व बनाने में जुट गया साथ ही अपने भाई अंडरवर्ल्ड बदमाश जफर सुपारी की राह पर चल निकला। खान मुबारक पर अभी तक लगभग 24 मुकदमों से ज्यादा दर्ज है और फिलहाल वह हरदोई की जेल में बंद पड़ा है।

आजम खान

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक और मौजूदा वक्त में लोकसभा सांसद आजम खान फिलहाल आजाद नहीं है। भारतीय राजनीति में अपनी पैठ रखने वाले आजम खान का राजनीतिक सफर आपातकाल के दौर से शुरू होता है। आपातकाल के वक्त अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे आजम खान जेल गए। बस वही से शुरू हो गया उनका राजनीतिक सफर। फिलहाल आजम खान मुकदमों का शतक पूरा कर चुके हैं। उन पर भैंस चोरी लेकर मूर्ति चोरी तक के आरोप लगे हैं। इसके अलावा जमीन जमीन हड़पना, अवैध निर्माण के साथ-साथ धमकी देने के भी आरोप आजम खान पर लगे हैं। इसके बाबत आजम खान पिछली सरकारों में मौज करते रहे हैं लेकिन मौजूदा वक्त में उन पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर आजम खान कटघरे में है और मौजूदा वक्त में अपने परिवार समेत सीतापुर जेल की चक्की का आटा खा रहे हैं।

बदन सिंह उर्फ बद्दो

एक मामूली ट्रक ड्राइवर से प्रदेश का मोस्ट वांटेड अपराधी बन जाना और पिछले डेढ़ साल से पुलिस प्रशासन को चकमा देते हुए फरार रहना अगर कोई कर सकता है तो वह है बदन सिंह उर्फ बद्दो। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदमाश बदन सिंह के आपराधिक इतिहास की बात करें तो उसके खिलाफ हत्या से लेकर जमीन कब्जा करने तक के सैकड़ो मुकदमें दर्ज हैं। कई हत्याकांड को अंजाम देने वाले अपराधी बद्दो को आजीवन कारावास हो चुका है लेकिन वो पुलिस के चंगुल से दूर है और पिछले डेढ़ साल से उसकी तलाश जारी है।

अनिल दुजाना

अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर जिले का है। जेल में रहते हुए भी अनिल दुजाना जिला पंचायत का चुनाव जीत गया था। पिछले महीने ही अनिल दुजाना जेल से छूट कर बाहर आया है। अपराधी अनिल दुजाना पर हत्या,  लूट,  सहित 20 से अधिक मामले दर्ज हैं।

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