July 5, 2024

मंगलवार से शुरू हो रहे नवरात्रें, जानें कैसे रहेगी आप पर मां दुर्गा की कृपा

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नमन सत्य स्पेशल डेस्क

मंगलवार से पूरे देश में नवरात्र शुरू हो रहे है। ऐसे में हम सभी मां दुर्गा को लुभाने के लिये अनेकों तरीके अपनाते है। हिंदु धर्म में नवरात्री को साल में दो बार मनाया जाता है। पहला नवरात्र क्वार माह में तो वहीं दुसरा नवरात्र चैत्र माह में मनाया जाता है। नवरात्र के दौरान हम पूरे 9 दिन तक मां दुर्गा की पूजा पूरी विधि विधान से करते है। जिससे मां दुर्गा कि कृपा हम पर सदैव बनी रहे। इस साल 2021 में अप्रैल (चैत्र) के नवरात्री मंगलवार 13 से 21 अप्रैल तक चलने वाले हैं। जिसमें मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाएगी।

किस दिन कौन सी देवी की होती है पूजा

मां शैलपुत्री : नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के “शैलपुत्री” स्वरुप की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए मां को नवरात्र के पहले दिन लाल वस्त्रों के साथ लाल फूल चढ़ाकर मां को कुमकुम का टीका लगाया जाता है। इस दिन मां शैलपुत्री का ध्यान करते हुए शैलपुत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए मां से आशीर्वाद लेना चाहिए। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

मां ब्रहमचारिणीं : नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रहमचारिणीं की पूजा की जाती है। मां को प्रसन्न करने के लिए आप दूध, दही, घृत का भोग लगाकर अक्षत, रोली, चंदन अर्पित करें। इसके साथ ही मां को पिस्ते की मिठाई का भोग लगाएं और मां का मंत्र बोलते हुए मां का आशीर्वाद लें।

मां चंद्रघंटा:  नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरुप की पूजा की जाती है। मां को सिंदूर, अक्षत, गंध और पुष्प अर्पित कर मां चन्द्रघंटा चालीसा का पाठ कर मां को मिष्ठान की भोग लगाकर आरती करें और मां का ध्यान लगाते हुए मां से आशीर्वाद लें।

मां कुष्मांडा : नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। इस दिन मां को प्रात: स्नान कर आप हरे रंग के कपड़े पहनें और मां का श्रंगार करें, सिंदूर, धूप, दिया कर के नवैद्य चढ़ाने के साथ ही गुड़हल या गुलाब का फूल चढ़ाते हुए मां का ध्यान कर मां से आशीर्वाद लें।

मां स्कंदमाता :  नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता भी कहा जाता है। मां स्कंदमाता की पूजा करने के लिए मां के गंगाजल से स्नान कराएं औऱ एक कलश में पानी लेकर उसमें कुछ सिक्के डालें औऱ उसे चौकी पर रखें, मां का श्रृंगार कर मिष्ठान का भोग लगाकर मां से आशीर्वाद लें।

मां कात्यायनी : नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह स्नान कर के आप स्वयं लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें उसके बाद मां को गंगाजल से स्नान करवा के मां का श्रृंगार कर के मां के आगे दीपक जलाकर रख दें और हाथ में फूल ले कर मां से अपनी विनती करें और मां को प्रणाम कर मां का आशीर्वाद लें।

मां कालरात्रि : नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि को धूप, अक्षत, गंध रातरानी का फूल और गुड़ का नवैद्य अर्पित कर मां के मंत्र का उच्चारण करें और मां से प्रणाम करते हुए आशीर्वाद लें।

मां महागौरी : नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर मां का श्रृंगार कर के मां को विराजमान करें  और मां को फूल चढ़ाकर मां के मंत्र का उच्चारण करें। हाथ में फूल लेकर मां का ध्यान करते हुए मैं से आशीर्वाद लें।

मां सिद्धदात्री : नवरात्र के नौवें और अंतिम दिन मां सिद्धदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन मां को स्नान कराकर श्रृंगार करें और कुमकुम का टीका लगाकर मां को हलवा पूरी मिष्ठान आजि का भोग लगाएं और हवन करें, नवरात्र के अंतिम दिन मां के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं के नाम का हवन करें श्लेक मंत्र पढ़े और नवरात्री समाप्ति की आहुति देते हुए मां से प्रार्थना कर आशीर्वाद लें।

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