कोरोना का कहर, मजदूर छोड़ रहा शहर
नमन सत्य ब्यूरो
देश में कोरोना ने कुछ यूं सितम ढ़ाया कि कारोबार, पढ़ाई से लेकर यातायात के साधनों तक को ठप कर के रख दिया और देश में एक समय ऐसा आया था जब गांवों को छोड़कर अपने परिवार के साथ जीविका की नई तलाश में आए प्रवासी मजदूरों को शहरों से सर पर गठरी रख कर अपने घरों को वापस लौटना पड़ रहा था। अब करीब एक साल बाद फिर से वही मंजर आखों को दिखाई दे रहा है क्योंकि कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद गांवों से शहरों में वापस आए मजदूरों को फिर से पलायन करना पड़ रहा है।
लॉकडाउन का सता रहा डर
मुंबई, लखनऊ, भोपाल, दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहर हैं जहां पर देश के कोने-कोने से लोग रोजगार की तलाश में आते हैं, लेकिन कोरोना ने सभी हालात बदलकर रख दिए और गांवों को छोड़कर शहरों में आए प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के डर से अपने घरों को वापस जा रहे हैं और इस संदर्भ में पूछेजाने पर मजदूरों का कहना है कि कोरोना बढ़ता जा रहा है, ऐसे में देश में कभी भी लॉकडाउन लगाया जा सकता है। जिसके बाद यातायात व्यवस्था भी बाधित हो जाएगी और कहीं एक बार फिर से उन्हें कोसों तक का सफर पैदल ही ना तय करना पडे।
क्या हुआ था बीते साल
पिछले साल मार्च में कोरोना महामारी की वजह से देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी और जिस वक्त लॉकडाउन लगाया गया था देश के सभी मजदूर अपने गांव-घर से दूर शहरों में पड़े थे। लॉकडाउन की स्थिति में आय का स्त्रोत नहीं होने पर मजदूरों के पास वापस अपने गांवों में लौटने के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा था। इसी तरह की तमाम परेशानियों से बचने के लिए एक बार फिर से प्रवासी मजदूरों ने अपने गांवों के रास्तों को पकड़ लिया है।