July 3, 2024

दूषित पानी पीने से सैकड़ो लोग बीमार, जिलाधिकारी को कार्यवाही के आदेश

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गाजियाबाद: महागुनपुरम सोसायटी के बिल्डर और मेंटेनेंस टीम की घोर लापरवाही सामने आई है। जिसके चलते हजारों लोगों की जान भी जा सकती थी, लेकिन गनिमत रही की मौका रहते मामले में मानवाधिकार आयोग ने हस्तक्षेप किया और आखिरकार अब जिलाधिकारी गाजियाबाद को मामले में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश भी दिये। दरअसल 20 मार्च को अचानक महागुनपुरम सोसायटी के सभी 11 टावरों में पीने के पानी में गंदा व दुषित पानी आने लगा था। जिसे पीकर लोग बीमार पड़ने लगे थे। उस समय एक साथ कई लोगों को बिमार होता देख सोसायटी में हड़कंप सा मच गया था। जिसके बाद सोसायटी वासियों ने मामले की जानकारी की, तो पता लगा की पीने का पानी एसटीपी टैंक (गंदे सीवर) से जा मिला है। लिहाजा लोगों के घरों में गंदा व दुषित पानी आ रहा है। जिसके बाद आनन-फानन में सोसायटी वासियों ने मामले की जानकारी बिल्डर व मेंटेनेंस टीम से की। बावजूद इसके मामले में बिल्डर औऱ मेंटनेंस टीम ने कोई भी कार्रवाई नही की थी।

22 मार्च को इस मामले में मानवाधिकार आयोग से याचिका दायर कर गुहार लगाई गई। याचिका में बिल्डर और मेंटेनेंस टीम पर लापरवाही करने के आरोप में संज्ञान लेने का निवेदन किया था। इसी कड़ी में 8 अप्रैल (गुरूवार) को मानवाधिकार आयोग ने गाजियाबाद जिलाधिकारी को मामले में संज्ञान लेने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिये है। आपको बता दें कि जिस महागुनपुरम सोसायटी से ये मामला सामने आया है। वहां लगभग 1800 फ्लैट है। जिसमें लगभग 10 हजार लोग निवास करते है।

गाजियाबाद के ही रहने वाले याचिकाकर्ता

आपके बता दें कि इस मामले में मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाने वाले याचिकाकर्ता विष्णु कुमार गुप्ता गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन के रहने वाले है औऱ पेशे से वकालत करते है। पूर्व में खुफिया अधिकारी भी रह चुके है। इसके साथ ही विष्णु समाजहित में भी लोगों के लिये हमेशा खड़े रहते है।

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