किसान आंदोलन : NIA का 50 से ज्यादा किसान नेताओं को समन जारी, कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों पर भी कसी नकेल
दिल्ली संवाददाता
देशभर में पिछले 53वें दिन से केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानून बिल के विरोध में धरने पर बैठे किसानों के लिए बुरी खबर है। दरअसल 19 जनवरी को किसान और सरकार के बीच होने वाली 11वीं बैठक से पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किसान आंदोलन में शामिल किसान नेताओं को नोटिस भेजने शुरू कर दिए है। जानकारी के अनुसार NIA अब किसान आंदोलन में खालिस्तानी लिंक तलाशने और टेरर फंडिंग मामले की जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। लिहाजा एनआईए ने 50 से ज्यादा किसानों और उनके करीबियों को समन जारी किया है।
NIA ने शनिवार को भी इस मामले में पटियाला के एनआरआई दर्शन सिंह धालीवाल से दिल्ली एयरपोर्ट पर, तो वही पंजाब के कई ट्रांसपोर्टरों को दिल्ली बुलाकर एनआईए दफ्तर पर करीब 3 घंटे तक पूछताछ की है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में बब्बर खालसा के आतंकी जगतार सिंह हवारा के पिता गुरचरन सिंह के साथ-साथ किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है।
कौन है जगतार सिंह हवारा?
जगतार सिंह हवारा खालिस्तानी समर्थक है। इस पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत 17 लोगों की हत्या का आरोप था। चंडीगढ़ की निचली अदालत ने जगतार सिंह हवारा को इन सभी लोगों की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि बाद में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने जगतार सिंह हवारा को फांसी की सजा में रियायत देते हुए आजीवन कारावास का फैसला सुनाया था। कोर्ट का आदेश था कि जब तक जगतार सिंह हवारा जिंदा है। उसे कोर्ट में ही रखा जाए। फिलहाल जगतार सिंह हवारा दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
NIA ने मांगा कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों से किसान आंदोलन में फ्री सर्विस और फंडिंग मुहैया कराने का ब्यौरा
पिछले 53वें दिन से दिल्ली समेत देशभर की अन्य सड़कों पर केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानून बिल के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों को फ्री सर्विस देने और मदद करने वाले कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों के लिए भी बुरी खबर है। एनआईए ने उन सभी लोगों को समन जारी कर पूछा है, कि आखिरकार फ्री सेवा और फंडिंग क्यों की जा रही है? अगर किसान आंदोलन में फंडिंग और सर्विस दी जा रही है तो उसका पूरा ब्यौरा राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जाए।