December 6, 2024

श्रीरामजन्मभूमि निर्माण फंड के लिये वॉलंटियर्स का डोर टू डोर अभियान शुरू, घर-घर पहुंचायेंगे मंदिर की प्रतिमा

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दिल्ली संवाददाता

देशभर में गुरुवार को मकर संक्रांति का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ यूपी के अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में खर्च होने वाले फंड के लिए 15 जनवरी से विहिप ने देशभर में डोर टू डोर जाकर फंड एकजुट करने का अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत वॉलिंटियर देश के हरेक घरों तक पहुंचेंगे और लोगों से मंदिर निर्माण में होने वाले खर्च के लिए आर्थिक सहयोग देने की अपील करेंगे। इसके लिए विशेष कूपन भी छपवाए गए है। इसके साथ ही ट्रस्ट ने देश के लोगों से अपील की है कि वह अपनी-अपनी श्रद्धा-भाव अनुसार मंदिर निर्माण में फंड दे सकते हैं। फंड देने वाले लोगों को वॉलिंटियर द्वारा फंड कूपन और मंदिर कि प्रतिना भेंट की जायेगी। यह अभियान शुक्रवार 15 जनवरी से शुरू होकर शनिवार 27 फरवरी 2020 तक चलाया जाएगा।

44 दिनों के अभियान में करोड़ों घरों तक पहुंचेंगे वॉलिंटियर्स : मिलिंद परांदे, महासचिव, विहिप

मिलिंद परांदे, विहिप महासचिव ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में खर्च होने वाले फंड को ध्यान में रखते हुये शुक्रवार 15 जनवरी से शनिवार 27 फरवरी (44 दिनों) तक वॉलिंटियर्स द्वारा डोर टू डोर फंड एकजुट अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान के तहत वॉलिंटियर्स देश के लगभग 13 करोड़ परिवार और 5 लाख गांव के घरों तक पहुंचेंगे और लोगों से मंदिर निर्माण फंड में सहयोग राशि देने की अपील करेंगे। इसके साथ ही परांदे ने बताया कि इस अभियान में किसी भी तरह को कोई भी न्यूनतम शुल्क नही रखा गया है। कोई भी व्यक्ति श्रर्द्धाभाव से जितनी चाहे सहयोग राशि भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण में दान कर सकता है।

इतनी लागत से बनकर तैयार होगा भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर, 2024 तक निर्माण पूरा होने की उम्मीद

श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण में खर्चा होने वाली रकम लगभग 1500 करोड़ रूपये आंकी जा रही है। वही अगर सिर्फ मंदिर परिसर के निर्माण की बात करें, तो उसकी लागत लगभग 1100 करोड़ रुपये के आसपास खर्च होने की उम्मीद है। वहीं मुख्य राम मंदिर की बात करें तो उसकी लागत लगभग 400 करोड़ रुपये तक आंकी जा रही है। उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि साल 2024 तक भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का कार्य समाप्त हो जायेगा। जिसके बाद देश-विदेश से भगवान श्रीराम मंदिर के दर्शन को आने वाले श्रर्द्धालू भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के दर्शन कर सकेंगे।

134 साल पुराना था अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद ,  देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इस दिन सुनाया था फैसला।

134 साल पुराने अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद पर सोमवार 9 नवंबर 2020 को देश की सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया। इस फैसले में कोर्ट द्वारा अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर मंदिर निर्माण की मंजूरी दे दी गई थी। इसके साथ ही अदालत ने मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बनाने और इसकी योजना तैयार करने के आदेश दिये थे। वहीं इस फैसले कि अध्यक्षता कर रहें मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सरकार से कहा था कि मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिये 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दी जाये, जो कि विवादित जमीन की करीब दोगुना है। चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान  कहा था कि ढहाया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है और हिंदुओं की यह आस्था निर्विवादित है।

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