किसान से बातचीत के लिए गठित 4 सदस्यीय कमेटी से भूपिंदर सिंह मान ने नाम लिया वापस, कोर्ट का जताया आभार
दिल्ली संवाददाता
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानून बिल को वापस लेने को लेकर देशभर में पिछले 50 दिनों से अपनी मांगों पर डटे किसानों के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की समस्या का समाधान निकालने के लिए 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। जिसमें गुरुवार को कमेटी के एक सदस्य भगवत सिंह मान नेअपना नाम वापस ले लिया है। भगवत मान का कहना है कि वह पिछले 50 दिनों से किसानों की हालत देख रहे हैं। किसान ठंड और बारिश में सड़कों पर धरना दे रहे हैं। वह किसानों के जज्बातों को समझते हैं। साथ ही मान ने कहा कि वह कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हैं, कोर्ट ने उन पर भरोसा जताते हुए किसानों से वार्तालाप कर समाधान निकालने के लिए 4 सदस्यीय कमेटी में उनका नाम रखा था।
किसानों से वार्तालाप के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इन चार सदस्यों की बनाई थी सदस्यीय कमेटी
ठंड और बारिश के बीच देशभर में अपनी मांगों को लेकर डटे किसानों से वार्तालाप करने और किसान आंदोलन को समाप्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जिस 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। उसमें पूर्व राज्यसभा सांसद सरदार भूपिंदर सिंह मान बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष के अलावा डॉ. प्रमोद कुमार जोशी (अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान), अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री) और अनिल धनवट (शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र) शामिल थे। फिलहाल अब भगवत सिंह मान ने इस 4 सदस्यीय कमेटी से अपना नाम वापस ले लिया है।
भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट कर साझा किया भगवत सिंह मान का स्टेटमेंट
गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट करते हुए भगवत सिंह मान का स्टेटमेंट साझा किया है। स्टेटमेंट में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसानों से वार्तालाप करने के लिए कमेटी के गठन में मेरा नाम शामिल किया गया था। जिसके लिए वे कोर्ट का दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। इसके साथ ही स्टेटमेंट में लिखा है कि वे किसानों के जज्बातों को समझते हैं लिहाजा वे किसानों के खिलाफ नहीं जा सकते।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भगत सिंह मान को किसान आंदोलन में शामिल होने का न्योता
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भगत सिंह मान का नाम 4 सदस्यीय कमेटी से वापस लेने के बाद मान को किसान आंदोलन में शामिल होने का न्योता दिया है। टिकैत ने कहा कि मान के नाम वापस लेने से किसानों के वैचारिक जीत हुई है।